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वीआईपी को खुश करने से इनकार करने का मूल्य अंकिता को चुकाना पड़ा जान देकर : हरीश रावत

देहरादून: अंकिता मर्डर केस जितनी तेजी से लोगों की नजरों में आया था उतनी ही आसानी से ये गायब होता नजर आ रहा है I इसी बीच पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत बार-बार वीआईपी के जिक्र पर अड़े है I हरीश रावत ने कहा कि अंकिता को वीआईपी को खुश करने से इनकार करने का मूल्य अपनी जान देकर चुकाना पड़ा, लेकिन यह वीआईपी कौन था, अभी इससे पर्दा नहीं उठ पाया है। अंकिता के माता-पिता ही नहीं बल्कि, उत्तराखंड का हर व्यक्ति व देश का प्रबुद्ध जनमानस उस नाम को जानना चाहता है। प्रदेश की जनता यह भी जानना चाहती है कि सरकार ने इस मामले में क्या कार्रवाई की है। पूर्व सीएम ने कहा कि उनके संज्ञान में आया है कि 16 तारीख को वनंतरा रिजॉर्ट में एक व्यक्ति आया था, जो दरमियानी कद का था। उसके साथ पुलिस स्कॉट और अपने कुछ बाउंसर थे। कहा कि लोगों ने एसआईटी को इस संबंध में जानकारी दी है, लेकिन अब तक उसके नाम का खुलासा नहीं किया गया है। कोई तो उस व्यक्ति के बारे में बताए, जिस वीआईपी का जिक्र अंकिता ने अपने मैसेज में किया है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि पुलिस को उसका नाम पता नहीं चला या फिर किसी दबाव में नाम सामने नहीं लाया जा रहा, ये सवाल हर किसी के जहन में कौंध रहे हैं।