UttarakhandDIPR

धर्म-संस्कृतिपर्यटन

प्रकाश पर्व र मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने दी शुभकामनाएं.

प्रकाश पर्व पर मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने दी शुभकामनाएं
प्रत्येक वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के दिन गुरु नानक जयंती मनाई जाती है इसे प्रकाश पर्व के नाम से भी जाता जाना जाता है यह दिन सिख समुदाय के लिए विशेष महत्व रखता है गुरु नानक जयंती के पावन अवसर पर देश के सभी गुरुद्वारों में खास रौनक देखने को मिलती है इस दिन गुरुद्वारों में कीर्तन पर पाठ का आयोजन भी किया जाता है और प्रभात फेरी भी निकल जाती हैं।
मान्यताओं के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को गुरु नानक जी का जन्म 1469 में पंजाब प्रांत के तलवंडी में हुआ था जो अब पाकिस्तान में है।
मान्यताओं के अनुसार गुरु नानक जी ने ही सिख धर्म की नींव रखी थी इसलिए वे सिखों के पहले गुरु माने जाते हैं नानाजी ने ही पवित्र शब्द एक ओंकार को लिखा था सिखों के लिए इस गुरबाणी का काफी अधिक महत्व है बता दें कि इस साल गुरु नानक जयंती आज 27 नवंबर 23 को मनाई जा रही है। इस दिन गुरु नानक जी ने अपना जीवन समाज के लिए समर्पित किया था उन्होंने जात-पात मिटाने के लिए और लोगों को एकता के सूत्र में बांधने के लिए उपदेश दिए थे नानक जी ने समाज में ज्ञान का प्रकाश फैलाने का कार्य किया था इसी वजह से गुरु नानक जयंती को प्रकाश पर्व के रूप में भी मनाया जाता है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर सिख समाज के सभी लोगों को हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित की हैं.
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरू नानक जी के प्रकाशोत्सव के अवसर पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी है। इस अवसर पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि सिख धर्म के प्रथम गुरू गुरू नानक देव जी ने हमें सामाजिक समरसता, शांति एवं सौहार्द के मार्ग पर चलने का संदेश दिया है।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि गुरू नानक जी ने समाज में ऊंच नीच, भेदभाव, वैमनस्यता को दूर करने तथा सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन का अथक प्रयास करने के साथ ही समाज को भी इसका संदेश दिया। उन्होंने कहा कि गुरू नानक जी द्वारा दिए गए सामाजिक समरसता, एकता एवं सौहार्द का संदेश आज पहले से भी अधिक प्रासंगिक हैं। मुख्यमंत्री ने इस प्रकाश उत्सव पर प्रदेशवासियों के जीवन में खुशहाली और समृद्धि की भी कामना की है।