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हादसा

उत्तरकाशी टनल में फंसे मजदूरों के स्वागत की तैयारी 

उत्तरकाशी टनल में फंसे मजदूरों के स्वागत की तैयारी 

उत्तरकाशी के सिल्क्यारा में टनल के अंदर पिछले 17 दिनों से फंसे मजदूरों के बाहर आने की घड़ी नजदीक आ चुकी है। बाहर आते ही मजदूरों के मजदूरों के स्वागत की तैयारी की गई है। 
प्रदेश के मुख्यमंत्री ने बताया बाबा बोखनाथ की कृपा
देहरादून। उत्तरकाशी की सिल्क्यारा टनल में 16 दिनों से 8 राज्यों के 41 मजदूर फंसे हैं। इन्हें टनल से निकालने के लिए दुनिया के सबसे बड़े टनल रेस्क्यू ऑपरेशन में से एक चलाया जा रहा है। सरकार और इंटरनेशनल लेवल के एक्सपर्ट की टीमें सिल्क्यारा में कैंप किए हुए हैं। खुदाई पूरी हो चुकी है किंतु टनल से बाहर आने में अभी भी तीन से चार घंटे लग सकते हैं। सभी मजदूरों को पाइप के माध्यम से एक एक करके बाहर लाया जाएगा।
भारत के विभिन्न संस्थाओं के विशेषज्ञों सहित अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों ने भी सिल्क्यारा टनल मैं फंसे मजदूरों को निकालने में अपनी सेवाएं दी।
एनडीएमए सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने बताया कि टनल के अंदर से फंसे 41 मजदूरों को जल्द ही बाहर निकला लिया जाएगा। कहा कि हम सफलता के करीब हैं। 
उत्तरकाशी टनल में रेस्क्यू अभियान अंतिम चरण में पहुंच गया है। टनल से सुरक्षित बाहर निकालने के बाद 41 मजदूरों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा। किसी भी मजदूर की तबीयत खराब होने की स्थिति पर एयर लिफ्ट करने के लिए चिनूक हेलीकॉप्टर भी तैनात किया गया है। ऋषिकेश एम्स में मजदूरों की चिकित्सा की व्यवस्था की गई है।
शीघ्र ही टनल में फंसे मजदूर अपने परिजनों के साथ होंगे लेकिन अभी जरुरत है मजदूरों के स्वास्थ्य परीक्षण और उसमें सुधार व स्थिरता लाने की तो टनल से बाहर लाने के बाद दो से तीन दिन उन्हें चिकित्सकों के गहन परीक्षण व निगरानी में रखा जाएगा।
कहा जा सकता है अंत भला सो सब भला और अंतत: रेस्क्यू के इस महा अभियान में विशेषज्ञों की देखरेख में अथक परिश्रम और जीवन की जीत हुई है।