दिव्य पौधा तुलसी, अनेकों गुणों से भरपूर है, जानिए कैसे सर्दियों में उठाएं इसका भरपूर लाभ
दिव्य पौधा तुलसी, अनेकों गुणों से भरपूर है, जानिए कैसे सर्दियों में उठाएं इसका भरपूर लाभ
देहरादून। भारतीय परिवेश में शायद ही ऐसा कोई हो जिसने सर्दियों में तुलसा की चाय न पी हो
सर्दियों के मौसम में तुलसी की चाय न केवल जायका बढ़ाती है अपितु सर्दी जुकाम में राहत भी देती है।
यूं तो तुलसी का पौधा भारत में धार्मिक महत्व का पौधा है और घर आंगन की शोभा बढ़ाता है। अपने अतुलनीय औषधीय गुणों के लिए भी जाना जाता है तुलसी का पौधा। आमतौर पर भारतीय घरों में तुलसी का पौधा होता ही है। इसकी खुशबूदार पत्तियां जहां चाय का स्वाद बढ़ाती हैं, वहीं इनसे बना काढ़ा सर्दी-जुकाम, गले की जकड़न से राहत दिलाने के लिए रामबाण हैं। यही नहीं, तुलसी की पत्तियों और मंजरियों में अनेक अन्य शारीरिक समस्याओं को दूर करने की भी शक्ति है। इसलिए इस पवित्र माने जाने पौधे के विभिन्न हिस्सों को आयुर्वेद औषधि के रूप में कई तरीके से इस्तेमाल की सलाह दी जाती है।
सर्दी-जुकाम होने पर शरीर में हरारत का अहसास होता है। सिर भी भारी होने लगता है। ऐसे में तुलसी-अदरक-काली मिर्च का काढ़ा बहुत राहत देता है। इससे गला खुलता है और बुखार भी उतरने लगता है।
कई लोगों को मुंह से बदबू आने की शिकायत होती है। ऐसे लोग तुलसी की पत्तियां चबा सकते हैं। लेकिन ये ध्यान रखना चाहिए कि तुलसी की पत्तियों को ज्यादा देर मुंह में न रखें या चबाएं। इसकी पत्तियों में मर्करी और आयरन मौजूद होते हैं जो दांतों की ऊपरी परत को नुकसान पहुंचाते हैं। इसका सही तरीका यह है कि आप पत्तियों को हाथ से टुकड़ों में तोड़ लें और दांतों से सिर्फ दो से तीन बार दबाएं और निगल जाएं।
पेट दर्द हो रहा हो तो तुलसी के पत्तों का रस और अदरक का रस समान मात्रा में मिला लें। इसकी एक-एक चम्मच दो-दो घंटे के अंतराल पर पिएं। एक ही दिन में पेट दर्द से राहत मिल जाएगी।
कान में दर्द हो तो इसकी पत्तियों का दो से तीन बूंद रस कान में डालें। आराम मिलेगा।
साइनस की समस्या है, तो आपके लिए तुलसी की पत्तियों और मंजरी को सूंघना लाभदायक होगा
अगर किसी को चक्कर आ रहे हैं तो उसे तुलसी की पत्तियों के रस को शहद में मिलाकर चटवाएं, चक्कर आना बंद हो जाएंगे।
लगातार सिर दर्द बना हुआ है तो तुलसी के पत्तों के रस को नारियल के तेल में मिलाकर माथे पर लेप की तरह लगाएं और मलें। काफी आराम मिलेगा।
तुलसी के काढ़े में गुड़ मिलाकर पीने से कब्ज से राहत मिलेगी।
तुलसी के पत्तों एक-एक चम्मच रस सुबह – शाम पीने से मलेरिया से जुड़ी समस्याओं में राहत मिलती है।
तुलसी की पत्तियों और काली मिर्च साथ में खाने से वात से राहत मिलती है। यही नहीं इन दोनों चीज़ों को हल्का कूट कर दर्द करते दांत के नीचे दबाने से दर्द से राहत मिलती है।
दांत दर्द होने पर एक गिलास गुनगुने पानी में आधा चम्मच हल्दी,एक चम्मच तुलसी के पत्तों का रस और एक चौथाई चम्मच सेंधा नमक मिलाकर मुंह में रखकर घुमाएं। दर्द से आराम मिलेगा।
तुलसी की मंजरियों को रगड़ कर बीज झाड़ लें। इन्हें दही के साथ मिलाकर खाने से खूनी बवासीर में राहत मिलती है।
तुलसी के बीजों का एक ग्राम चूर्ण दूध के साथ लेने से यौन शक्ति बढ़ती है।
जिन लोगों को भूख कम लगने की समस्या हो, उन्हें तुलसी की पत्तियां खिलाने से भूख बढ़ाने में मदद मिलती है।
एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से युक्त तुलसी पत्तों की चाय जोड़ों के दर्द से राहत दिलाती है।
शरीर में कहीं खुजली होने पर तुलसी के पत्तों को हल्के हाथ से प्रभावित स्थान पर रगड़ें, त्वचा का संक्रमण भी इससे दूर होता है।
तुलसी रक्त को शुद्ध करती है और स्किन को ऑइली होने से रोकती हैं। इससे कील-मुहांसे से राहत मिलती है।