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उत्तराखंड में इएसएमए लागू, हड़तालों पर लगी रोक

उत्तराखंड में इएसएमए लागू, हड़तालों पर लगी रोक
देहरादून। अगले छ: महीनों तक प्रदेश के किसी भी विभाग के कर्मचारी हड़ताल पर नहीं जा सकेंगे। दरअसल धामी सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर तत्काल प्रभाव से उत्तराखंड में किसी भी तरह की हड़ताल पर रोक लगा दी है। ऐसे में अब कर्मचारी या संगठन अपनी मांगों को लेकर अगले 6 महीने तक किसी भी तरह का हड़ताल नहीं कर पाएंगे। अब उत्तराखंड में एस्मा लागू होने के परिपेक्ष में कोई भी आदेश का उल्लंघन करेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

धामी सरकार ने प्रदेश में एस्मा लागू कर अगले छह माह तक विभागों में हड़ताल पर रोक लगा दी है। इस फैसले को लेकर शुक्रवार (22 दिसंबर) को अधिसूचना जारी कर दी गई है।
इससे पहले बीते जून के महीने में भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली उत्तराखंड सरकार ने एक आदेश जारी कर उत्तर प्रदेश आवश्यक सेवा रखरखाव (ESMA) अधिनियम, 1966 के प्रासंगिक प्रावधानों को लागू करते हुए राज्य में कर्मचारियों को अगले छह महीने के लिए हड़ताल पर जाने से रोक दिया था।
आदेश के अनुसार, जून में ESMA लागू करने का निर्णय चार धाम यात्रा और मानसून अवधि के दौरान विभिन्न संभावित आपात स्थितियों से निपटने के लिए लिया गया था। इसके अलावा फरवरी में, धामी सरकार ने उत्तराखंड पावर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड, पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन ऑफ उत्तराखंड लिमिटेड और उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड के कर्मचारियों की हड़ताल पर रोक लगाते हुए ईएसएमए लागू किया है।
पिछले साल मार्च में भी उत्तराखंड बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन सहित राज्य स्कूल शिक्षा विभाग के सभी कर्मचारियों को आदेश जारी होने की तारीख से अगले छह महीने तक किसी भी तरह की हड़ताल करने से रोक दिया था। दिसंबर 2021 में, जब राज्य भर के 2,000 से अधिक निजी डॉक्टरों ने आयुर्वेदिक डॉक्टरों को कुछ सर्जरी करने की अनुमति देने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी थी, तो राज्य सरकार ने एक आदेश जारी कर ESMA के प्रासंगिक प्रावधान के तहत राज्य में डॉक्टरों को हड़ताल पर जाने से रोक दिया था।
बता दें कि ESMA लागू करने की अधिसूचना सचिव शैलेस बगौली ने जारी की है इससे स्पष्ट है कि प्रदेश के किसी भी विभाग के कर्मचारी हड़ताल पर नहीं जा सकेंगे। यह भी कहा जा रहा है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आगामी लोक सभा चुनावों के मद्देनजर कोई भी जोखिम नहीं लेना चाहती है। कर्मचारियों की हड़ताल चुनावी दौर में माहौल पर विपरीत प्रभाव डाल सकती है। बहरहाल प्रदेश के सभी कर्मचारियों और उनके संगठनों को शांत और सजग रहना होगा।