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‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का मजबूत आधार स्तम्भ बनेगा, यूसीसी कानून

‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का मजबूत आधार स्तम्भ बनेगा, यूसीसी कानून
देहरादून। प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार 6 फरवरी को विशेष सत्र के दौरान विधान सभा के पटल पर रखा। इस कानून को लाने का श्रेय देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को देते हुए कहा, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन एवं प्रेरणा से हमने वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश की जनता से राज्य में समान नागरिक संहिता कानून लाने का जो ‘संकल्प’ प्रकट किया था, उसे आज हम पूरा करने जा रहे हैं। हमारी सरकार ने पूरी जिम्मेदारी के साथ समाज के सभी वर्गों को साथ लेते हुए समान नागरिक संहिता का विधेयक विधानसभा में पेश कर दिया है। देवभूमि के लिए वह ऐतिहासिक क्षण निकट है जब उत्तराखण्ड आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के विजन ‘‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’’ का मजबूत आधार स्तम्भ बनेगा।
केंद्र की भाजपा नीत सरकार एक अर्से से देश में ‘समान नागरिक संहिता’ कानून लाने की बात कर रही है तो वहीं उत्तराखंड ने इस कानून को अमली जामा पहनाने में पहल की है। बता दें कि सोमवार को शुरु हुए विधान सभा के विशेष सत्र में 6 फरवरी के दिन प्रदेश के मुख्य मंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधान सभा पटल पल समान नागरिक संहिता कानून को रखा जिसके पठन पाठन के लिए विधायकों को समय दिया गया है। माना जा रहा है कि कल यानि इस विशेष सत्र के अंतिम दिन यह विधेयक पारित सुगमता से हो जाएगा, जिसके बाद इसे कानून का रुप देने के प्रक्रिया प्रारम्भ होगी अर्थात राज्यपाल महोदय की अनुमति ली जाएगी।
समान नागरिक संहिता कानून में सभी धर्मों जातियों, आदिवासियों को छोड़कर, के लिए शादी विवाह, संतति, लिव इन, दहेज, हलाला, तलाक आदि के लिए समान व्यवस्था की गई है। शादी और लिव इन रिलेशन शिप के मामले में पंजिकरण को अनिवार्य किया गया है।
समान नागरिक संहिता कानून को लेकर कई तरह का सामाजिक और राजनीतिक विरोध भी देखने को मिला है परंतु जीवनोपयोगी शिक्षा, स्वास्थ्य, जीवन की अन्य सुविधाओं में असमानता जैसी कुछ विसंगतियों को छोड़ दें तो यह कानून देश के हित में बताया जा रहा है।