रुद्रपुर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने किया नजूल भूमि का निशुल्क पट्टा वितरण
रुद्रपुर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने किया नजूल भूमि का निशुल्क पट्टा वितरण
रुद्रपुर। रुद्रपुर के गाँधी पार्क में आयोजित नजूल भूमि का निशुल्क पट्टा वितरण एवं किफायती आवास आवंटन कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की जिसमें मुख्यमंत्री ने 2600 लाभार्थियों को नजूल भूमि पट्टा निःशुल्क वितरण किया साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना के 403 को स्वामित्व पत्र वितरण भी किया। इस दौरान रु.56704.93 लाख के 222 विकास कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास भी किया गया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को अपने एक दिवसीय जनपद भ्रमण के दौरान रुद्रपुर के गाँधी पार्क में आयोजित नजूल भूमि का निशुल्क पट्टा वितरण एवं किफायती आवास आवंटन कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। इस दौरान मुख्यमंत्री का फूल मालाओं से जोरदार स्वागत किया गया। कार्यक्रम में नारी शक्ति के द्वारा मुख्यमंत्री श्री धामी जी पुष्प वर्षा कर किया गया। मा0 मुख्यमंत्री पुलिस लाईन में शक्ति वंदन अभियान के समापन अवसर पर प्रधानमंत्री के वर्चुअल संवाद में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री धामी द्वारा जसपुर में 1411.04 लाख, काशीपुर में 7498.97 लाख, बाजपुर में 3077.88 लाख, गदरपुर में 2532.03 लाख, रुद्रपुर में 20296.92 लाख, किच्छा में 3404.52 लाख, सितारगंज में 6866.68 लाख, नानकमत्ता में 5558.49 लाख एवं खटीमा में 6058.40 लाख (कुल 56704.93 लाख) रुपये की लागत से होने वाले कुल 222 विकास कार्यों का शिलान्यास एवं लोकार्पण किया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने नजूल भूमि के मालिकाना हक का पट्टा पाने वाले 2600 परिवारों एवं प्रधानमंत्री आवास योजना के 403 स्वामित्व पत्र वितरित किए व सभी लाभार्थी परिवारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी। इसके साथ ही कार्यक्रम में बड़ी संख्या में पधारे सभी लोगों का स्वागत एवं अभिनंदन किया।उन्होंने कहा कि आज मुझे निजी रूप से भी इस बात की बहुत खुशी हो रही है कि आज आखिरकार वो दिन आ गया जब आप सभी को अपने सपनों का आशियाना बनाने के लिए पट्टा मिल रहा है, क्योंकि आजादी के बाद यह पहला मौका है जब आप लोगों को मालिकाना हक का पट्टा मिल रहा है। इसके लिए जितना संघर्ष आप लोगों ने किया है उतनी ही मेहनत करनी हमारी सरकार ने भी की है।
उन्होंने कहा कि जब हाई कोर्ट ने नजूल नीति को खारिज कर दिया था और भूमि को खाली करने का आदेश दे दिया था , हमारी सरकार इस मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट लेकर गई, हमनें आपके हक की लड़ाई लड़ी। सुप्रीम कोर्ट में आप सबकी जीत हुई, हम जीते क्योंकि हमारे साथ केंद्र सरकार व आप सभी का आशीर्वाद था। इसके बाद हमनें विधानसभा में कानून पास किया, नजूल नीति 2021 लागू की, तमाम कानून प्रक्रियाएं अपनाई, तब जाकर आपको यह पट्टा देने में सफलता मिली है। इतना ही नहीं, हमारी सरकार ने ये सुनिश्चित किया कि पट्टा लेने के लिए आपको भाग दौड़ ना करनी पड़े बल्कि सरकारी दफ्तरों के कर्मचारी-अधिकारी खुद आपके दरवाजे तक चल कर आएं और सारे जुरुरी काम निपटाएँ। हमारी सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया कि इस पूरी प्रक्रिया में लाभार्थी परिवारों का एक भी रुपया खर्च नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मैं भी एक साधारण परिवार से हूं, गांव में जन्मा और पला-बढ़ा हूं , मैंने जिंदगी के संघर्षों को करीब से देखा समझा है। लोगों की जिंदगी का अधिकांश समय मूलभूत आवश्यकताओं रोटी, कपड़ा और मकान की समस्याओं को सुलझाने में ही गुजर जाता है। ऐसे में सवाल घर बनाना किसी बड़े सपने से कम नहीं होता है, शहरी क्षेत्रों में तो घर बनाने के लिए जमीन खरीदना भी एक बड़ी बात होती है। आज जब आपको यह पट्टा मिल रहा है तो मुझे खुशी हो रही है कि आपका सपना पूरा हो रहा है। अब आप इस भूमि पर अपने सपनों का आशियाना बनाइये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार जनता की सच्ची हितैषी है, नजूल नीति का सरलीकरण करके हमनें शहरवासियों को बड़ी सौगात दी है , आप सबको मालिकाना हक मिलने से कालोनियां विनियमित हो सकेंगी। उन्होंने कहा कि ये अभी पहला चरण है जिसमें 2600 परिवारों को मालिकाना हक का पट्टा दिया जा रहा है, अभी भी जो पात्र परिवार बचे हुए हैं उनको पट्टा दिलाने की प्रकिया पूरी की जा रही है, बहुत जल्द ही उन्हें भी उनके सपनों का घर बनाने के लिए पट्टा मिल जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार की कथनी और करनी में कोई अन्तर नहीं है, हमारी सरकार सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मूल मंत्र के साथ, जनता से किये हुए वायदों को पूरा कर रही है।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार वंचितों, शोषितों और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की समृद्धि और उत्थान के लिए विशेष रूप से कार्य कर रही है। हम सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए सरकार के हर महकमें को आपके दरवाजे तक भेज रहे हैं ताकि आर्थिक रूप से गरीब लोगों का जीवन सरकारी दफ्तरों का चक्कर काटने में ना बीते।