भस्म आरती के दौरान भड़की आग की चपेट में आए पुजारी और सेवक, होगी मजिस्ट्रियल जांच
भस्म आरती के दौरान भड़की आग की चपेट में आए पुजारी और सेवक, होगी मजिस्ट्रियल जांच
देहरादून/उज्जैन। महाकालेश्वर मंदिर में होली पर्व पर भस्म आरती के दौरान भड़की आग की घटना के बाद सभी पुजारी और सेवकों को तुरंत जिला अस्पताल और गंभीर घायलों को इंदौर रेफर किया गया था, जहां उनका उपचार जारी है। बाबा महाकाल के गर्भगृह में हुई इस घटना के बाद सोमवार को पूरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव तक इस घटना को लेकर चिंतित नजर आए और इस मामले में मजिस्ट्रियल जांच किए जाने के निर्देश दिए गए हैं , जिसकी रिपार्ट तीन दिनों में पूरी करने और दोषी के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।।
महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में होली पर्व पर घटित हुई आगजनी की घटना की मजिस्ट्रियल जांच शुरू हो चुकी है। इस घटना की जांच कर रहे मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत मृणाल मीना और अपर कलेक्टर उज्जैन अनुकूल जैन अभी तो कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है, लेकिन जांच के दौरान उन्हें कई ऐसी जानकारियां मिल रही है जिससे कि तीन दिन बाद जब वे इस रिपोर्ट को सौंपेंगे तो बाबा महाकाल के गर्भगृह में लगी आग का राज जरूर फाश हो जाएगा।
बताया जाता है कि जांच के दौरान अधिकारियों को गर्भगृह में आग लगने की अलग-अलग जानकारी मिल रही है। कोई बता रहा है कि आग गुलाल फेंके जाने से लगी तो किसी का कहना है कि घटना के समय रंग गुलाल के स्प्रे भी चलाए गए थे, जिसके कारण भी आग अचानक भड़की और कुछ ही सेकंड में 14 पुजारी और सेवक इस आगजनी में झुलस गए। बताया जा रहा है कि गर्भगृह में मौजूद आरती कर रहे संजीव पुजारी, विकास, मनोज, सेवाधारी आनंद, कमल जोशी झुलस गए। मौके पर पहुंचे उज्जैन कलेक्टर नीरज सिंह ने घटना की जांच के आदेश भी दिए हैं।
गर्भगृह में आगजनी से सबसे पहले फ्लेक्स जलने की बात सामने आई थी, लेकिन इस दौरान यहां कुछ पर्दे भी लगे हुए थे, जिन्होंने सबसे पहले आग पकड़ी थी। यह जानकारियां जांच अधिकारियों को मिल तो रही है, लेकिन इन बातों में कितनी सत्यता है यह तो अधिकारी जांच के बाद पेश की जाने वाली रिपोर्ट में ही बताएंगे।
याद रहे कि बाबा महाकाल के शिवलिंग का छरण ना हो इसके लिए सारिका गुरु द्वारा सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका लगाई गई थी जिसके बाद प्रतिवर्ष महाकालेश्वर मंदिर में जांच करने जीएसआई और एएसआई कि टीम पहुंचती है जोकि बाबा महाकाल को अर्पित की जाने वाली सामग्री के साथ ही उन्हें चढ़ाए जाने वाले जल पंचामृत और अन्य सामग्री की शुद्धता को देखती है। याद रहे की कुछ वर्षों पूर्व इस टीम के द्वारा ही होली पर्व पर बाबा महाकाल को हर्बल गुलाल लगाए जाने की बात कही गई थी और मंदिर में बाबा महाकाल को यही अर्पित भी किया जाता था, लेकिन इस वर्ष इस आगजनी की घटना ने यह पोल खोल दी कि श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति के जिम्मेदार जो बता रहे थे उनकी बातों में इतनी सत्यता नहीं थी। क्योंकि मंदिर तो ठीक गर्भगृह में भी हर्बल गुलाल की बजाय केमिकल युक्त गुलाल और स्प्रे चलाए जा रहे थे।