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पुनर्याेजी कृषि पद्धतियों को अपना कर कृषि आय में होगी वृद्धि

पुनर्याेजी कृषि पद्धतियों को अपना कर कृषि आय में होगी वृद्धि
रुद्रपुर। जनपद में पुनर्योजी कृषि पद्धतियों को अपनाने वाले किसानों के लिए कार्बन वित्त परियोजना पर स्थानीय हितधारक परामर्श पर वराहा क्लाइमेट एजी कम्पनी एवं कृषि विभाग के सहयोग से विकास भवन सभागार रुदपुर में बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में वराहा क्लाइमेट एजी कम्पनी के क्षेत्रीय प्रबन्धक धीरज भट्ट ने बताया की कृषक, पुनर्योजी कृषि पद्धतियों जैसे धान की सीधी बीजाई. जैविक खेती, दलहनी फसलों की खेती, फसल अवशेष प्रबन्धन, जीरो टिलेज, जैविक खेती के द्वारा कार्बन क्रेडिट अर्जित कर अतिरिक्त कृषि आय प्राप्त कर सकते हैं, साथ ही जो किसान अपने खेतों में किसी प्रकार की पुनर्याेजी खेती का अभ्यास कर रहे है।हितधारक परामर्श बैठक में धीरज भट्ट ने बताया कि कार्बन क्रेडिट क्या होते है? कैसे बनते है? तथा इसके क्या लाभ है? और किसान कैसे इस परियोजना के साथ जुड़ सकते है? इस सब बातों पर गहन चर्चा की गई। बैठक में मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन, जल संरक्षण, फसल विविधता, और पर्यावरण को उद्धरण करने के लिए आधुनिक कृषि तकनीकों पर विचार विमर्श किया गया। साथ ही कृषि नवाचार को बढ़ावा देने और सतत समृद्ध कृषि विकास को प्रोत्साहित करने में सहयोग और साझेदारी की महत्वता को उजागर किया। साथ ही श्री भट्ट के द्वारा अवगत कराया गया, कि परियोजना की प्रचार-प्रसार हेतु विकास खण्ड स्तर पर भी बैठकों का आयोजन कराया जायेगा, जिससे इस परियोजना के अन्तर्गत अधिक से अधिक कृषकों को जोड़ कर सत्त कृषि उत्पादन कर कृषि आय में वृद्धि के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण भी किया जा सके।