116वां अखिल भारतीय किसान मेला एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी का मुख्यमंत्री ने किया शुभारंभ
116वां अखिल भारतीय किसान मेला एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी का मुख्यमंत्री ने किया शुभारंभ
पंतनगर, नैनिताल। माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने आज प0 गोविन्द वल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर पहुँचकर 116वां अखिल भारतीय किसान मेला एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी का फीता काटकर एवं दीप प्रज्जवलित कर शुभारंम किया। माननीय मुख्यमंत्री ने प्रदर्शनी मे लगे विभिन्न स्टॉलों का निरिक्षण किया। कार्यक्रम मे उन्होंने हरेला उद्यान का वर्चुअल शुभारम्भ एवं प्रकाशित साहित्य का विमोचन किया. इस अवसर पर विभिन्न जनपदों से आये प्रगतिशील कृषकों को स्मृति चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। जिसमें चम्पावत के भीम सिंह महर, हरिद्वार के ओमवीर सिंह, पिथौरागढ़ के केशर दत्त, चमोली से लक्ष्मी देवी, नैनीताल से प्रताप सिंह, देहरादून के इंदर सिंह नेगी, अल्मोड़ा के शंकर सिंह बिष्ट, ऊधम सिंह नगर से अनिल दीप सिंह व रुद्रप्रयाग की सुनीता देवी को सम्मानित किया।
बतौर मुख्यतिथि सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 116वां किसान मेला एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी कि बधाई देते हुए कहा कि भारत में हरित क्रांति के अग्रदूत के रूप में अपनी एक अलग पहचान बनाने वाले गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में आप सभी महानुभावों के बीच आकर मुझे अत्यन्त हर्ष का अनुभव हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के किसान मेले प्रदेश के किसान भाईयों की उन्नति में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, क्योंकि इस प्रकार के कृषि मेलों के माध्यम से वैज्ञानिक, किसान एवं उद्यमी एक ही स्थान पर कृषि सम्बन्धी नवीनतम तकनीकों तथा विभिन्न जानकारियों का आदान-प्रदान कर सकते हैं, इसके साथ ही किसान भाईयों को उन्नत बीज, पौंध, कृषि यंत्र और जैविक खाद सहित कृषि से जुड़ी सभी आवश्यक वस्तुएं एक ही स्थान पर मिल जाती हैं। उन्होंने कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि इस मेले में प्रदर्शनी के द्वारा उपलब्ध कराई जा रही तकनीकी जानकारियों से हमारे किसान भाई अवश्य लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि प्रतिवर्ष आयोजित होने वाला यह मेला वास्तव में कृषि का एक ऐसा “कुंभ” है, जो किसानों को आधुनिक तकनीकी का बोध कराकर उन्हें समृद्ध बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। श्री धामी ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में देश के किसानों को कुशल, समृद्ध और आधुनिक बनाने के लिए व्यापक स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज एक ओर उपज बढ़ाने हेतु तकनीकी के प्रयोग और नवाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर मोदी सरकार द्वारा किसानों को सभी प्रमुख फसलों पर बढ़ी हुई MSP देकर किसानों की आय में बढ़ोत्तरी सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने कहा कि किसान भाईयों के प्रति आदरणीय मोदी जी की प्रतिबद्धता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस बार जब आदरणीय मोदी जी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली तो सबसे पहले उन्होनें किसान भाईयों को “किसान सम्मान निधि” आवंटित करने वाली फाइल पर हस्ताक्षर किए। किसान सम्मान निधि की योजना के जरिए आज उत्तराखंड के भी लगभग 8 लाख से अधिक किसान भाईयों को आर्थिक संबल मिल रहा है, इतना ही नहीं, आदरणीय मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने पिछले दिनों किसान भाईयों का जीवन स्तर बेहतर करने और उनकी आय बढ़ाने के उद्देश्य से करीब 14 हज़ार करोड़ रुपये की लागत वाली कुल सात नई योजनाओं को भी मंजूरी दी है। जिन योजनाओं से किसान भाईयों को बड़े पैमान पर लाभ मिलेगा।
बिना ब्याज के दिया जा रहा है तथा किसानों को कृषि उपकरण उपलब्ध कराने के उद्देश्य “फार्म मशीनरी बैंक” योजना के जरिये कृषि उपकरण खरीदेने हेतु 80 फीसदी तक की सब्सिडी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि गेहूं खरीद पर कृषकों को प्रति क्विंटल 20 रू. का बोनस दिया जा रहा है, इसके साथ ही हमनें गन्ने के रेट में भी 20 रूपए प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी की है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार द्वारा किसानों के लिए नहर से सिंचाई को बिल्कुल मुफ्त कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि हम चाय बागान धौलादेवी, मुन्स्यारी और बेतालघाट को जैविक चाय बागान के रूप में परिवर्तित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि खाद्यान्न खेती के साथ ही हम सगंध खेती को भी बढ़ावा देने के लिए 6 एरोमा वैली विकसित करने पर काम कर रहे हैं।
श्री धामी ने कहा कि हमने इस बार के बजट में 200 करोड़ रूपए का प्रावधान विशेष रूप से पॉलीहाउस निर्माण के लिए किया है, जिससे किसानों की आय बढ़ने के साथ ही रोजगार के साधन भी बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में वर्षा आधारित खेती को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए लगभग 1000 करोड़ रुपये की लागत से “उत्तराखंड क्लाइमेट रिस्पॉन्सिव रेन-फेड फार्मिंग प्रोजेक्ट” भी स्वीकृत किया गया है। उन्होंने कहा कि सब्जियों की तरह ही फलों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए भी हमारी सरकार विभिन्न स्तर पर काम कर रही है, जिसके अंतर्गत हमने सेब और कीवी का उत्पादन व्यापक स्तर पर बढ़ाने के उद्देश्य से राज्य में एप्पल और किवी मिशन की शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि एप्पल मिशन के अंतर्गत सेब बागान लगाने वाले किसानों को 80 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है। इसी प्रकार प्रदेश में कीवी के बगीचे स्थापित करने में भी सरकार हर संभव मदद कर रही है, इसके साथ ही कई अन्य योजनाओं, नवाचारों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के जरिए उत्तराखंड के किसान भाईयों को अधिक से अधिक प्रशिक्षित, आधुनिक और समृद्ध बनाने का हम प्रयास कर रहे हैं। इस दिशा में, भारत का यह प्रथम कृषि विश्वविद्यालय भी “उन्नत कृषि-समृद्ध किसान” के संकल्प को साकार करने हेतु निरंतर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि यहां पर विकसित की गई विभिन्न फसलों, सब्जियों एवं फलों की विभिन्न प्रजातियां और अनेकों उन्नत कृषि तकनीकें ना सिर्फ उत्तराखंड बल्कि पूरे देश के किसानों को फायदा पहुंचा रही हैं। उन्होंने कहा कि आज आयोजित हो रहा यह किसान मेला निश्चित रूप से किसान भाईयों के उत्थान में अहम योगदान देगा।
माननीय मुख्यमंत्री ने किसान भाईयों से आह्वान करते हुए कहा कि आप लोग मेले में विश्वविद्यालय एवं विभिन्न फर्मों द्वारा प्रदर्शित तकनीकों का अवलोकन करें व यहां के वैज्ञानिकों से विचार-विमर्श करें। मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप यहां से नई तकनीकों, बीजों और कृषि यंत्रों के बारे कुछ ना कुछ नया जरूर सीखकर जाएंगे, जो आने वाले समय में आपके लिए लाभकारी सिद्ध होगा।