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अपराध

फर्जी इंश्योरेंस बनाने में चार दलाल गिरफ्तार

– देशव्यापी बड़े घोटाले व राजस्व चोरी का अंदेशा

देहरादून: स्पेशल टास्क फोर्स उत्तराखण्ड ने परिवहन वाहनों के फ़र्ज़ी बीमा बनाने में चार दलालों को गिरफ्तार किया हैI एसटीएफ़ को इसमें देशव्यापी बड़े घोटाले व राजस्व चोरी का अंदेशा हैI अपराधी बीमा कराने वाली कम्पनियों के पोर्टल की तकनिकी खामियों का फायदा उठा कर यह फर्जीवाड़ा राष्ट्रीय स्तर पर वाहनों के बीमा कराने को लेकर कर रहे हैं I

थाना डालनवाला से मिली जानकारी के मुताबिक स्पेशल टास्क फोर्स उत्तराखण्ड को विगत कुछ समय से सूचना प्राप्त हो रही थी कि देहरादून में चार पहिया व कमर्शियल वाहन के बीमा वास्तविक कीमत से बहुत ही काम रेट पर हो रहे हैं, जिसको ऑनलाईन आरटीओ की वेबसाईट या किसी भी पोर्टल पर चैक करने पर वह बीमे की वैधता भी सही तरीके से पुष्ट होती है।

इस सम्बन्ध में एसटीएफ के द्वारा की गयी कार्यवाही के दौरान आरटीओ कार्यालय के बाहर से 3 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है जिनकी पहचान प्रदीप गुप्ता पुत्र सन्तराम नि. 4/9 इन्दिरा कालोनी, देहरादून, मसॅूर हसन पुत्र मजूंर अहमद नि ब्रहमपुरी निरंजनपुर, थाना पटेल नगर देहरादून, महमूद पुत्र मुष्ताक, नि. रक्षा विहार, निकट आँचल डेरी, रायपुर रोड, देहरादून के रूप में हुई है जबकि इस मामले से जुड़े एक अन्य व्यक्ति को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से गिरफ्तार किया है जिसकी पहचान नीरज कुमार गुप्ता पुत्र जनेष्वर गुप्ता नि. अनादित्य विहार कालोनी, जनता रोड के रूप में हुई है। गिरफ्तार व्यक्तियों से लैपटॉप, मोबाइल तथा फर्जी बीमे से संबंधित दस्तावेज भी बरामद हुए हैंI मामले में गिरफ्तार व्यक्तियों पर 420, 465, 467, 468, 471 व 120 बी भा0द0वी0 धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया हैI

एसटीएफ के पूछताछ करने पर आरोपियों ने बताया कि वर्ष 2018 व इसके बाद कोविड के दौरान सभी कम्पनियों द्वारा आन लाईन इंश्योरेंस की सुविधा देनी शुरू कर दी थी जिसमें पे-टीएम, फोन-पे एवं पोलिसी बाजार द्वारा आनॅलाईन बीमा कराने के एड देने शुरू कर दिये, जिसमें कि ग्राहक और एजेन्टों के द्वारा आनॅलाईन पे-टीएम, फोन-पे एवं पोलिसी बाजार के माध्यम से एचडीऍफ़सी एर्गो जनरल इंश्योरेंस, रिलाएंस जनरल इंश्योरेंस, बजाज अलाइंज जनरल इंश्योरेंस जैसे कम्पनी से वाहनो का बीमा कराया जाता है।

पूछताछ के दौरान यह भी बताया कि बीमा कराने के दौरान चार पहिया वाहन का नम्बर वास्तविक दिया जाता है परन्तु पेमेन्ट की कैलकुलेशन के समय दो पहिया वाहन का चयन कर उसका बीमा दो पहिया वाहन का किया जाता है। जिसका डाटा बीमा कराने वाली कम्पनी के डाटाबेस में चार पहिया का अकिंत होता है परन्तु पेमेन्ट दो पहिया वाहन का जमा होता है। जिससे बीमा के समय दी जाने वाली जीएसटी 18 प्रतिशत जहॅा चार पहिया वाहन की 20,000 पर दी जानी थी वहीं दो पहियां वाहन की मात्र 500 रूपये की जमा होती है।उपरोक्त विवरण आरटीओ की वेबसाईट पर मात्र बीमा होना प्रदर्षित करता हैI अभियुक्तो द्वारा उसका प्रिन्ट निकाल कर लैपटाप में फोटोशॉप के माध्यम से एडिट करके चार पहिया वाहन व धनराशि को बढा देता है तथा जिसको वह अपने कस्टमर को देता है। वाहन स्वामी के द्वारा आरटीओ में चैक कराने पर वाहन का रजिस्ट्रेशन नम्बर और केवल इंश्योरेंस की वैलिडिटी तिथि प्रदर्षित होती है जिससे ग्राहक को वह असली लगता है।

बता दे कि देशभर के आरटीओ के समस्त कार्य जैसे फिटनेस, वाहन ट्रान्सफर, एनओसी, आईएनडी प्लेट, रजिस्ट्रेशन आदि में बीमा होना आवश्यक होता है, जिसे आरटीओ कार्यालय द्वारा भारत सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के पोर्टल पर चैक करने पर वह वाहन का केवल रजिस्ट्रेशन नम्बर व बीमे की वैलिडिटी दिनांक को दिखाता है जिसे आरटीओ कार्यालय द्वारा वैलिड मान कर पास कर दिया जाता है। उक्त तकनीकी कमी का फायदा उठाकर देशभर में उक्त प्रकार की ठगी पहली बार प्रकाश में आ रही है।जानकारी में आया है कि देश भर में इसी प्रकार से समस्त राज्यो में कुछ एजेन्टो द्वारा इसी प्रकार से बीमा किया जा रहा है, जिससे वाहन स्वामी द्वारा भी कम पैसे के लालच में इस प्रकार का बीमा सर्टिफिकेट प्राप्त कर लिया जाता है।

पुलिस टीम में नि. अबुल कलाम, उ.नि. यादवेंद्र बाजवा, उ.नि. उमेश कुमार, का. लोकेन्द्र कुमार, का. विजेंदर चौहान, का. महेंद्र नेगी,का. अनूप भाटी, का. मोहन असवाल एवं का. संदेश यादव शामिल थेI