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स्वाद और उपचार में लाजवाब है काली गाजर

स्वाद और उपचार में लाजवाब है काली गाजर
सर्दी भी क्या कमाल की मौसम है जहां एक तरफ ठंड की मार से जनजीवन अकुला जाता है वहीं इस मौसम में खाने-पीने और सेहत बनाने की अनगिनत वक्त में वस्तुएं उपलब्ध हो जाती हैं इन्हीं में रोग प्रतिरोधक क्षमता भी विद्यमान रहती है जिससे शरीर स्वस्थ रहता है और रोग पास भी नहीं फटकता ऐसी वस्तुओं में से एक है “काली गाजर” जिसके अनेकों फायदे हैं।
सर्दियां आते ही गाजर की भी बहार आ जाती है। कटे टमाटर, मूली के साथ इसका संगम स्वास्थ्य के लिए हितकारी है। अगर चाहें तो पूरी गाजर में चीरा लगा, उसमें चाट मसाला और नींबू छिड़कर खाने का मजा ही और है। अब जल्द ही काली गाजर भी नजर आने लगेगी। इसी गाजर से कांजी बनती है और ये भारत का विशेष पेय पदार्थ है। काली गाजर गुणों में भी शानदार है। यह अल्जाइमर (भूलने की बीमारी) को दूर रखती है और शरीर का पाचन सिस्टम भी फिट बनाए रखती है। इस गाजर की विशेषता यह है कि शुगर रोगी इसे बेहिचक खा सकते हैं।
कहा जाता है कि काली गाजर के सेवन से 100 से ज्यादा रोग खत्म हो जाते हैं फ्लेवेनोइड्स के अंदर एंटी आक्सीडेंट एंटी इनफ्लेमेटरी इम्यूनो बुस्टर गुण होते हैं। यह गुण फ्री रैडिकल, इंफ्लामेशन और कमजोर इम्यून सिस्टम से बचाते हैं।
एनसीबीआई के शोध के अनुसार काली गाजर को एंटी डायबिटिक फूड है इसमें फेनोलिक कम्पाउंड होते हैं, जिनमें ब्लड शुगर कंट्रोल करने की ताकत होती है इसका सेवन डायबिटीज के खतरनाक असर से बचाने में मदद कर सकता है। यह कैंसर से बचाने वाला फूड भी माना गया है कीमोथेरेपी से कैंसर का इलाज आसान तो हुआ है मगर यह काफी दर्दनाक और असुविधा घर आ हो सकता है इसलिए दुनिया भरने कैंसर के इलाज और बचाव में आयुर्वेदिक उपाय पर भी विचार किया जाता है काली गाजर में भी कैंसर से बचाने वाले फाइट केमिकल होते हैं।
काली गाजर को वजन घटाने के लिए भी अच्छा उपाय माना गया है।इसमें मौजूद पॉलीफेनोल और डाइटरी फाइबर डाइजेशन व मेटाबोलिज्म को बढ़ाते हैं जो शरीर के फैट को कम करके वजन को घटाने में सहयोगी होता है।
काली गाजर में मौजूद फाइबर और बायोएक्टिव कंपाउंड दिल का ख्याल रखते हैं साथ ही काली गाजर गठिया हाई बीपी और अन हेल्दी स्किन की समस्याओं में भी सहायक होती है।
खास बात तो यह है कि इसका अचार और राई में रचा हुआ कांजी पानी स्वाद को भी बेहतर बनाता है जिससे काली गाजर को स्वाद और सेहत दोनों के लिए लाजवाब माना जाता है।
नोट: उपरोक्त वर्णन जनश्रुति और अनुभव पर आधारित है इसलिए पाठकगण किसी भी निष्कर्श से पहले विशेषज्ञ सलाह आवश्य लें।