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अपराधस्वास्थ्य

गर्भधारण के पंजियन और गर्भपात के कारणों की गहन जांच करें- जिलाधिकारी उदयराज सिंह

गर्भधारण के पंजियन और गर्भपात के कारणों की गहन जांच करें- जिलाधिकारी उदयराज सिंह
रूद्रपुर। जनपद में शत-प्रतिशत गर्भधारण केस दर्ज करें तथा 12 सप्ताह सें 26 सप्ताह के मध्य होने वाले गर्भपात के कारणों की गहन जांच करें यह निर्देश जिलाधिकारी उदयराज सिंह ने कलेक्ट्रेट सभागार में जिला सलाहकार समिति गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीकी अधिनियम  की बैठक लेते हुए दिए।
जिलाधिकारी ने कहा कि घटते लिंगानुपात व भ्रूण हत्या को रोकने के लिए पीसीपीएनडीटी लाया गया है। उन्होंने प्रसव पूर्व भ्रूण का लिंग प्रकट करना कानूनी अपराध है इसलिए जनपद में सभी अल्ट्रासाउण्ड क्लीनिकों पर पैनी नजर रखें व नियमित छापेमारी करें । उन्होंने कहा कि उपजिलाधिकारी, चिकित्साधिकारी, बाल विकास, बीडीओ, नामित एनजीओ के सदस्य समन्वय बनाते हुए कार्ययोजना बनाकर कार्य करें। जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद में गर्भधारण करने वाली महिला को ट्रेक करते हुए उसे आशा व आंगनबाड़ी कार्यकत्री पंजीकृत कर नियमित पोषण आहार, आयरन की दवाएं, जांच  आदि सभी सुविधाएं समय पर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें तथा सुरक्षित व संस्थागत प्रसव भी कराना भी सुनिश्चित करें, इसकी नियमित  मॉनीटरिंग करने के निर्देश मुख्य चिकित्साधिकारी को दिए। उन्होंने कहा कि चिकित्सालयों व अल्ट्रासाउण्ड क्लीनिकों से सूची लेकर जांच की जाए साथ ही आशा व आंगनबाड़ी कार्यकत्री की मासिक रिपोर्ट की भी नियमित समीक्षा की जाए।
जिलाधिकारी ने कहा कि  लिंग.चयनात्मक गर्भपात लैंगिक भेदभाव एवं महिलाओं के खिलाफ हिंसा का एक रूप है जो उनके जीवन सम्मान और समानता के अधिकार का उल्लंघन करता है। यह मानव जीवन के मूल्य और गरिमा तथा मानव समाज की विविधता को भी कमज़ोर करता है।   इसलिए पीसीपीएनडीटी एक्ट के सभी प्रावधानों का शत-प्रतिशत लागू करना सुनिश्चित किया जाये।
बैठक में समिति के समक्ष दो नये अल्ट्रासाउण्ड मशीनें व 6 अल्ट्रासाउण्ड मशीनों के नवीनीकरण के आवेदनों पर विचार किया गया। समिति द्वारा पीसीपीएनडीटी एक्ट के नियमानुसार पंजीकरण करने के निर्देश दिये गये।