पंजाब के बसियाला व रसूलपुर में 1000 से अधिक मतदाता, लेकिन एक भी वोट नहीं पड़ा
देहरादून: पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए मतदान की प्रक्रिया पूरी हो गई है, लेकिन राज्य में बसियाला व रसूलपुर दो ऐसे भी गांव रहे जहां के लोगों ने मतदान प्रक्रिया में हिस्सा ही नहीं लिया। दोनों गांवों में 1000 से अधिक मतदाता थे।
ग्रामीणों का कहना है कि लंबे समय से फाटक बंद होने के कारण ग्रामीणों को आवाजाही में परेशानी का सामना करना पड़ता है | फाटक बंद होने के कारण लोगो को पांच किलोमीटर घूमकर गढ़शंकर-नवांशहर सड़क पर जाना पड़ता है। यह रास्ता काफी संकरा है। इस रास्ते में ट्रालियों को ले जाने खतरनाक है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर इस रास्ते में सामने से कोई दूसरा वाहन आ जाए तो वाहन फंस जाते हैं, इसका एक ही विकल्प है कि फाटक को खोल दिया जाए।
ग्रामीण अपनी मांग को लंबे समय से जनप्रतिनिधियों के सामने रख रहे हैं। आश्वासन सभी दल देते हैं, लेकिन किसी ने उनकी मांग को नहीं माना। उनके पास मतदान के बहिष्कार के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था। इन दोनों गांवों ने पहले ही चुनाव के बहिष्कार की घोषणा की थी। उनकी लंबे समय से मांग थी कि रेलवे फाटक को खोला जाए जिसके चलते उन्होंने इसके विरोध में प्रदर्शन किया। मतदान के दिन यहां सुबह से पोलिंग पार्टियां मतदाताओं का इंतजार करती रही, लेकिन शाम छह बजे तक भी कोई मतदाता नहीं पहुंचा |
ग्रामीणों ने कहा कि मतदान का बहिष्कार कर उन्होंने केंद्र व राज्य सरकार के प्रति अपनी नाराजगी जता दी है। फाटक जल्द नहीं खुलवाया गया तो वह अपने संघर्ष को और तेज करेंगे। उम्मीद है कि अब दोनों सरकारों की नींद खुलेगी और उनकी मांग को माना जाएगा।