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जीत कर भी हार गया महिला पहलवानों का गुनाहगार ब्रजभूषण!

जीत कर भी हार गया महिला पहलवानों का गुनाहगार ब्रजभूषण!
*नया संघ पिछले पदाधिकारियों के पूर्ण नियंत्रण में प्रतीत होता है खेल मंत्रालय भारत सरकार।
दिल्ली। रेसिलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) पर खेल मंत्रालय ने बड़ा एक्शन लिया है। मंत्रालय ने रविवार को नवनिर्वाचित भारतीय कुश्ती महासंघ के नवनिर्वाचित अध्यक्ष संजय सिंह समेत पूरी टीम को अगले आदेश तक निलंबित कर दिया।
संजय सिंह ने इस वर्ष के अंत से पहले उत्तर प्रदेश के गोंडा स्थित नंदिनी नगर में अंडर-15 और अंडर-20 जूनियर नेशनल चैंपियनशिप के आयोजन की घोषणा की थी। इसके बाद खेल मंत्रालय ने बड़ा एक्शन लिया।
खेल मंत्रालय ने कहा कि नेशनल चैंपियनशिप की घोषणा जल्दबाजी में की गई और उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। मंत्रालय ने यह भी कहा कि नया संघ पिछले पदाधिकारियों के पूर्ण नियंत्रण में प्रतीत होता है, जिनके खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए गए थे। गौरतलब है कि डब्ल्यूएफआई का अध्यक्ष बनने के बाद संजय सिंह ने बृजभूषण सिंह से उनके आवास पर मुलाकात की थी। 21 दिसंबर 2023 को कुश्ती संघ का चुनाव हुआ था। काफी देरी के बाद यह चुनाव हुए थे।
गौरतलब है कि डब्ल्यूएफआई के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण के करीबी संजय गुरुवार को यहां हुए चुनाव में डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बने और उनके पैनल ने 15 में से 13 पद पर जीत हासिल की। इस नतीजे से तीन शीर्ष पहलवान मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया को काफी निराशा हुई जिन्होंने महासंघ में बदलाव लाने के लिए काफी जोर लगाया था।
टेबल पर अपने जूते रखकर साक्षी ने नाटकीय अंदाज में संन्यास की घोषणा की। साक्षी की आंखों में आंसू थे, उन्होंने कहा, ‘‘हमने दिल से लड़ाई लड़ी लेकिन बृजभूषण जैसा आदमी, उसका बिजनेस साझीदार और करीबी सहयोगी डब्ल्यूएफआई का अध्यक्ष चुना गया है तो मैं कुश्ती छोड़ती हूं।आज के बाद आप मुझे मैट पर नहीं देखोगे।
साक्षी के 13 साल के करियर का आकर्षण 2016 रियो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतना रहा, उन्होंने अपने करियर में राष्ट्रमंडल खेलों में तीन पदक जीते जिसमें 2022 चरण का स्वर्ण पदक शामिल है। इसके अलावा उन्होंने एशियाई चैम्पियनशिप में भी चार पदक अपने नाम किए। वह ओलंपिक पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला पहलवान बनी थीं।