मुख्यमंत्री धामी ने रामपुर तिराहा स्थित उत्तराखंड शहीद स्मारक पहुंचकर दी, राज्य के आंदोलनकारी शहीदों श्रद्धांजली
-बलिदान की वजह से हमें उत्तराखंड राज्य मिला: धामी
-राज्य आन्दोलनकारियों की हर समस्या का प्राथमिकता के आधार पर समाधान का दिया आश्वासन
सीएम ने कहा
राज्य आन्दोलनकारियों को सरकारी अस्पतालों की तर्ज पर राजकीय मेडिकल कालेजों में मिलेगी मुफ्त उपचार की सुविधा। उद्योग धंधों में राज्य आन्दोलकारियों और उनके परिजनों को प्राथमिकता के आधार पर दिया जायेगा रोजगार
देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को मुजफ्फरनगर
के रामपुर तिराहा स्थित उत्तराखंड शहीद स्मारक में पहुंचकर उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी शहीदों की पुण्य स्मृति पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस दौरान मुख्यमंत्री ने राज्य आन्दोलनकारियों के हित में कई घोषणायें कीं। जिनमें राज्य आन्दोलनकारियों को सरकारी अस्पतालों की तर्ज पर राजकीय मेडिकल कालेजों में मुफ्त उपचार उपलब्ध करवाने, उद्योग धंधों में राज्य आन्दोलकारियों और उनके परिजनों को प्राथमिकता के आधार पर रोजगार देने और विभिन्न विभागों में सेवारत राज्य आन्दोलनकारियों को हटाये जाने सम्बंधी मामले में ठोस पैरवी करना शामिल है।
मुख्यमंत्री ने मुजफ्फरनगर रामपुर तिराहा के उत्तराखंड शहीद स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि हमारी सरकार शहीदों के सपनों और राज्य आन्दोलनकारियों की भावनाओं के अनुरूप उत्तराखण्ड को हर क्षेत्र में आगे बढ़ायेगी। जनता को सरकार के भाव को समझना चाहिए।
वहीं सीएम धामी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मैं उन शहीदों को नमन करता हूं जिनके सर्वोच्च बलिदान की वजह से हमें उत्तराखंड राज्य मिला है। राज्य निर्माण आंदोलन के दौरान खटीमा, मसूरी एवं मुजफ्फरनगर में लाखों आंदोलनकारियों ने भाग लिया जिसमें से कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। उन्होंने कहा उत्तराखंड राज्य का विकास शहीदों के सपनों के अनुरूप किया जाएगा। इसके लिए हमारी सरकार लगातार कार्य कर रही है।
कहा कि राज्य आंदोलनकारियों से जुड़ी समस्याओं का प्राथमिकता के आधार पर समाधान किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने 1 सितम्बर 2021 को घोषणा की थी कि राज्य आन्दोलनकारियों के चिन्हीकरण की प्रक्रिया फिर से शुरू की जायेगी, उसका शासनादेश भी जारी कर दिया गया है। हमारी सरकार जो भी घोषणा करेगी उसको हर हाल में धरातल पर उतारा जायेगा।
उन्होंने कहा राज्य आंदोलनकारियों एवं शहीदों का सपना था कि युवाओं को रोजगार के लिए भटकना न पड़े इसके लिए हमारी सरकार ने पहली कैबिनेट में यह फैसला लिया कि विभिन्न विभागों पर रिक्त चल रहे 24000 पदों पर भर्ती निकालेंगे, जिनमें आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए हर जिले में कैंप लगाए जा रहे हैं।
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना से प्रभावित व्यवसायियों और स्वयं सहायता समूहों को क्रमश 200 और 118 करोड़ के राहत पैकेज घोषित किये गये हैं जिनका पैसा प्रभावितों के खाते में आने लगा है। बताया कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में नईपहल करते हुए हमारी सरकार मरीजों को सरकारी अस्पतालों में 207 जांचें मुफ्त में करवाने की सुविधा दे रही है। कोरोना के कारण अनाथ और बेसहारा हुय बच्चों के भरण पोषण की जिम्मेदारी भी सरकार उठा रही है।
इस अवसर पर केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, केंद्रीय मंत्री एवं सांसद मुजफ्फरनगर संजीव बालियान, उत्तराखण्ड के कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीस्वरानंद, भाजपा उत्तराखण्ड प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, मुजफ्फरनगर के विधायक प्रमोद उडवाल, राजेन्द्र अन्थवाल, पं. महावीर शर्मा एवं अन्य उपस्थित थे।