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सीएम धामी ने किया ऐतिहासिक गौचर मेले का उद्घाटन

-गौचर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को उच्चीकृत करने की घोषणा

पारम्परिक पहाड़ी संस्कृति से सजा पांडाल बना आकर्षण का केन्द्र

चमोली: गौचर में 71वां राजकीय औद्योगिक विकास एवं सांस्कृतिक मेले का शानदार आगाज हो गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गौचर मेले का विधिवत उद्घाटन किया। उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री के पहुंचने पर पारंपरिक वाद्य यंत्रों एवं फूल मालाओं से भव्य स्वागत किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने गौचर में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का उच्चीकरण करने की घोषणा भी की।

गौचर मेले में विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मेले हमारे जीवन में इंद्रधनुषी रंगों की तरह हैं और जीवन में ताजगी और उत्साह भर देते हैं। प्राचीन समय में, जब संचार और परिवहन की कोई ऐसी सुविधाएं नहीं थीं, तो इन मेलों ने सामाजिक ताने- बाने को बुनने में बहुत मदद की और लोगों का सामाजिक और व्यावहारिक दायरा बढ़ाया। गौचर मेला संस्कृति, बाजार तथा उद्योग तीनों के समन्वय के कारण हमारे राज्य का एक प्रसिद्ध राजकीय मेला है। उन्होंने मेले को भव्य एवं आकर्षक स्वरूप देने के लिए जिला प्रशासन की सराहना भी की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि औद्योगिक विकास के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत करना अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए रोड कनेक्टिविटी, रेल कनेक्टिविटी, रोपवे कनेक्टिविटी, हवाई कनेक्टिविटी सहित ऊर्जा एवं जल संरक्षण के क्षेत्र में विशेष कार्य किए जा रहे हैं। प्रदेश में चारधाम सड़क परियोजना, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाईन का निर्माण तथा निर्माणाधीन रोपवे परियोजनाएं इस बात का उदाहरण हैं। राज्य सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश के विकास के लिए तत्पर है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को विकसित राज्य बनाने का ‘‘विकल्प रहित संकल्प‘‘ के साथ कार्य किये जा रहे हैं। इस संकल्प के कुछ पड़ाव हमने पार कर लिए हैं पर अभी बहुत काम करना बाकी हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने अंत्योदय परिवारों को तीन गैस सिलेंडर देने, प्रदेश की महिलाओं के लिये 30 प्रतिशत के क्षैतिज आरक्षण, समान नागरिक संहिता, धर्मांतरण पर रोक के लिये कानून और सख्त नकल विरोधी कानून लागू करने का काम किया है। राज्य आंदोलनकारियों व उनके आश्रितों को सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत का क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था भी की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे लिए प्रदेश और प्रदेश का हित सर्वोपरि हैं। प्रदेश में किसी भी वर्ग का अहित नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने देवभूमि उत्तराखंड को देश का एक ‘श्रेष्ठ राज्य‘ बनाने के लिए सभी के सहयोग और मार्गदर्शन करते रहने की बात कही।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार राजपाल सिंह बिष्ट को गोविन्द प्रसाद नौटियाल पत्रकार सम्मान और “विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षण संस्थान, उत्तराखण्ड“ को पंडित महेशानन्द नौटियाल शिक्षा और साहित्य प्रसार सम्मान से सम्मानित भी किया।

क्षेत्रीय विधायक अनिल नौटियाल एवं मेला उपाध्यक्ष अंजू बिष्ट ने गौचर मेले का शुभारंभ करने पर मुख्यमंत्री का हार्दिक अभिनंदन एवं स्वागत किया और मुख्यमंत्री को क्षेत्र की समस्या से अवगत कराते हुए समस्याओं के निदान के लिए मांग पत्र भी दिया।

मेले में पहले दिन रावल देवता की पूजा के बाद प्रातः स्कूली बच्चों ने प्रभात फेरी निकाली। मेलाध्यक्ष/जिलाधिकारी हिमांशु खुराना द्वारा झंडारोहण कर मार्चपास की सलामी ली गई। गौचर मेला मुख्य द्वार से चटवापीपल पुल तक एवं वापसी उसी रूट से होते हुए मुख्य मेला द्वार तक क्रास कण्ट्री दौड़ का आयोजन किया गया। खेल मैदान में बालक एवं बालिकाओं की दौड़, नेहरू चित्रकला प्रतियोगिता, शिशु प्रदर्शनी और शिक्षण संस्थाओं द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। मेले की पहली सांस्कृतिक संध्या पर रात्रि को प्रसिद्ध जागर गायिका बसंती बिष्ट द्वारा लोकगीत, नृत्य और जागर के साथ ही गायक जितेंद्र तुमक्याल और श्वेता मेहरा द्वारा कुमांऊनी नृत्य और संगीत की प्रस्तुति दी जाएगी। गौचर मेले में पारम्परिक पहाडी संस्कृति से सजा पांडाल मेलार्थियों के बीच खासे आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है।

मेला उद्घाटन के अवसर पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट, सांसद अजय टम्टा, कर्णप्रयाग विधायक अनिल नौटियाल, थराली विधायक भूपाल राम टम्टा, रुद्रप्रयाग विधायक भरत चौधरी, राज्य मंत्री रमेश गडिया, पूर्व विधायक मुन्नी देवी शाह, कर्णप्रयाग ब्लाक प्रमुख/मेला उपाध्यक्ष चन्द्रेश्वरी देवी, गौचर नगर पालिका अध्यक्ष/मेला उपाध्यक्ष अंजू बिष्ट, कर्णप्रयाग नगर पालिका अध्यक्ष दमयंती रतूड़ी, जिलाधिकारी/मेलाध्यक्ष हिमांशु खुराना, पुलिस अधीक्षक रेखा यादव, मुख्य विकास अधिकारी डा.ललित नारायण मिश्र, एडीएम डा.अभिषेक त्रिपाठी, मेलाधिकारी संतोष कुमार पांडेय, कोषाध्यक्ष सुरेंद्र सिंह देव आदि सहित बडी संख्या में मेलार्थी मौजूद थे।