युवाओ को दुनियाँ की सभी भाषाओं का ज्ञान हो साथ ही उनका अपनी मातृभूमि व मातृभाषा से जुड़े रहना आवश्यक
ऋषिकेश: परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने लेस्टर, यूनाइटेड किंगडम में आयोजित धीरेन्द्र शास्त्री, बागेश्वर धाम की श्री रामकथा में सहभाग कर भक्तों को उद्बोधन और आशीर्वाद प्रदान किया।
लेस्टर की धरती से स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने नेचर, कल्चर और फ्यूचर के संरक्षण का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि भारतवर्ष पर विदेशी शक्तियों ने कई बार आक्रमण किये, बाहरी शक्तियां आयी और गयी परन्तु भारत अपने गौरवशाली इतिहास के साथ सदैव खड़ा रहा और पूरी दुनिया को शान्ति, सद्भाव और वसुधैव कुटुम्बकम् का संदेश देता रहा। भारत की गौरवशाली संस्कृति के पीछे भारतीयों और प्रवासी भारतीयों का महत्वपूर्ण योगदान है।
स्वामी जी ने युवाओं को सम्बोधित करते हुये कहा कि वर्तमान समय की पीढ़ी एक विशेष मेमोरी कार्ड, विशेष चिप लेकर जन्म लेती है, वर्तमान पीढ़ी बहुत होनहार है। उन्हें आप दुनिया की सभी भाषाओं का ज्ञान कराइये परन्तु अपनी मातृभाषा और भारत माता से जोड़े रखे। अपने जड़ों से; मूल्यों से और मूल से जोडे रखने के लिये उन्हें भारत के गांवों के दर्शन कराइये। युवा पीढ़ी को भारतीय संस्कृति और संस्कारों से पोषित करना अत्यंत आवश्यक है।
वर्तमान समय में संत और बसंत, प्रकृति और संस्कृति की अत्यंत आवश्यकता है। उन्होंने अपने नेचर, कल्चर और फ्यूचर के संरक्षण का संकल्प कराते हुये कहा कि आज के समय में इसी की आवश्यकता है।
स्वामी जी ने कहा कि महापुरूषों का संग बदल देता है जिन्दगी का रंग। आप यहां नमस्कार के लिये आइये या चमत्कार के लिये आइये परन्तु वास्तविकता तो यह है कि आप स्वयं ही है समाधान; आप स्वयं अपने आप में चमत्कार है। स्वामी जी ने जीवन में योग और ध्यान के महत्व को बताते हुये कहा कि अपने दिन की शुरूआत मेडिटेशन से करें। ऋषियों द्वारा प्रदान की विचारों की वैक्सीन को लेकर आगे बढ़ते रहें और भावी पीढ़ी को अपनी संस्कृति और प्रकृति से जोड़े रखे।
स्वामी जी ने श्रीराम कथा व्यास धीरेन्द्र शास्त्री को परमार्थ निकेतन गंगा आरती में सहभाग हेतु आमंत्रित किया। इस अवसर पर सिद्धाश्रम के राजराजेश्वर, शिवाकांत जी, मनोज त्यागी और अन्य विशिष्टगण उपस्थित थे।