उच्चशिक्षा के क्षेत्र में देश का पहला राज्य बना उत्तराखण्ड: उच्चशिक्षा मंत्री
हल्द्वानी: उच्चशिक्षा मंत्री डा. धनसिह रावत ने उच्चशिक्षा की बैठक लीI हल्द्वानी स्थित उच्चशिक्षा सभागार में बैठक लेते हुए डा. रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड उच्चशिक्षा के क्षेत्र में देश का पहला राज्य बन गया है। इन्टरमीडिएड परीक्षा उत्तीर्ण के पश्चात सर्वाधिक 48 प्रतिशत बच्चे डिग्री कालेजों मे पढ रहे है जबकि पूरे भारत वर्ष में यह 27 प्रतिशत है।
डा. धनसिंह रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सपना था 2030 तक उच्चशिक्षा में 50 प्रतिशत बच्चे शिक्षा ग्रहण करें। जबकि उत्तराखण्ड ने 2023 में ही यह मुकाम हासिल कर लिया। उत्तराखण्ड में 109 विश्वविद्यालयों को भवन निर्माण के लिए भूमि का आंवटन हो गया है, वर्ष 2024 तक प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के भवनों का कार्य पूर्ण कर लिया जायेगा।
धनसिंह रावत ने बैठक में उच्चशिक्षा निदेशक डा. सीडी सुठा को निर्देश दिये कि सभी बच्चों का ई-रक्तकोष में पंजीकरण अनिवार्य करें तथा प्रत्येक बच्चे का हैल्थ कार्ड अनिवार्य बनायें। उन्होंने कहा बच्चों का सामाजिक क्रियाकलापों में प्रतिभाग करना अनिवार्य है इसके लिए बच्चों के लिए फील्ड बनाये जाये ताकि बच्चे अपनी रूचि के अनुसार उन सामाजिक क्रियाकलापों में शामिल हों जिससे बच्चों का सर्वांगीण विकास हो सके।
उच्चशिक्षा मंत्री ने उच्चशिक्षा निदेशक को विद्यालयों में 180 दिन पढाई कराई जाए तथा बच्चों की उपस्थिति भी 180 दिन अनिवार्य की जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा प्रत्येक शिक्षा प्राप्त कर रहे प्रत्येक बच्चे का ई-ग्रन्थालय में पंजीकरण अनिवार्य करायें। उन्होंने कहा उच्चशिक्षा में प्रोफेसरों एवं स्टाफ का ट्रान्सफर को ऑनलाइन कर दिया गया है जिससे पारदर्शित बनी रहेगी।
इस अवसर पर निर्देशक उच्चशिक्षा डा. सीडी सुठा, उपनिदेशक डा. आरएस भाकुनी, डा. राजीव रतन, सहायक निदेशक डा. गोविन्द पाठक, डा. प्रेम प्रकाश के साथ ही हेमंत द्विवेदी तथा उच्चशिक्षा के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहें।