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राम मन्दिर: उत्तराखंड में मनाया जाएगा रामलला की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा कार्यकम तक उत्सव, आदेश जारी, लोगो में उत्साह

सभी भारतवासियों के लिए 22 जनवरी का दिन बहुत बड़ा दिन होने वाला हैं क्योंकि अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा स्थापित की जाएगी। यह किसी बड़े महोत्सव से कम नही होने वाला है। जिसको लेकर देश ही नहीं विदेश में भी उत्साह बना हुआ है। इसको लेकर हर भारतीय रामलला के स्वागत में मगन है। भगवान् राम के स्वागत के लिए उत्तर प्रदेश के अयोध्या में ही नहीं बल्कि देश भर में जोरों शोरो से तैयारियां चल रही हैं। वहीं इस कड़ी में उत्तराखंड में भी तैयारियां जोरों पर है। जिसको लेकर एक आदेश जारी हुआ हैं इस आदेश में कहा गया कि दिनांक 14 जनवरी, 2024 उत्तरायणी पर्व से लेकर 22 जनवरी, 2024 को अध्योध्या में श्री राम मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा कार्यकम तक उत्तराखण्ड में ‘सांस्कृतिक उत्सव’ जाएगा। 

जानकारी के अनुसार इस जारी आदेश में लिखा है कि मुख्यमंत्री द्वारा हमारी समृद्ध लोक सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक पारम्परिक पर्व उत्तरायणी के आयोजन की तिथि दिनांक 14 जनवरी, 2024 से अध्योध्या में श्री राम मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम दिनांक 22 जनवरी, 2024 तक पूरे प्रदेशभर में सांस्कृतिक उत्सव’ मनाये जाने का निर्णय लिया गया है। इसको लेकर सांस्कृतिक उत्सव में विभिन्न सामाजिक, सांस्कृतिक संगठनों एवं जन सहभागिता सुनिश्चित कराते हुए कार्यक्रम आयोजित किए जाएगे। इस कार्यक्रम में जनपद /विकास खण्ड स्तर पर समितियों का गठन करते हुए धार्मिक स्थलों पर जनमानस की सहभागिता से कलश यात्रा एवं झांकियों का आयोजन किया जाएगा, इसके लिए महिला मंगल दल, युवक मंगल दल एवं स्वयं सहायता समूहों की सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी।

वहीं  इसके साथ ही आदेश मे कहा गया है कि प्रदेश के सभी मठ / मंदिर, देवालयों, समस्त नदी किनारे स्थित स्नान घाटों में विशेष स्वच्छता अभियान कार्यक्रम चलाया जाए। साथ ही सभी नगरीय निकायों, जिला पंचायतों, विकासखण्डों ग्राम पंचायतों सहित सामाजिक संगठनों, स्वयं सहायता समूहों, महिला मंगल दलों, युवक मंगल दलों तथा विद्यालयों/महाविद्यालयों द्वारा उनके प्रतिभाग और जनसहभागिता सुनिश्चित की जाए। वहीं इस कार्यक्रम के दौरान प्रदेश के प्रमुख मन्दिरों, देवालयों एवं घाटों पर जनसहभागिता से दीपोत्सव एवं आरती का आयोजन कराया जाय और मन्दिरों, देवालयों एवं धार्मिक स्थलों पर रामचरितमानस पाठ, भजन-कीर्तन कार्यक्रम आयोजित कराए जायेंगे।