उत्तराखंड में सैलानियों को लुभाएंगे के जायरोकॉप्टर
उत्तराखंड में सैलानियों को लुभाएंगे के जायरोकॉप्टर
देहरादून/हरिद्वार। उत्तराखंड में सैलानियों को लुभाने के लिए एक नया आयाम शीघ्र ही शुरु होने वाला है जिसमें हेलिकाप्टर के एक छोटे प्रारुप जायरोकॉप्टर से सैलानियों को मैदानी ही नहीं पहाड़ियों के ऊपर सैर सपाटा करने का अवसर मिलेगा।
जायरोकॉप्टर एक छोटे हेलिकॉप्टर जैसा दिखता है लेकिन इसमें राप्टर्स को घुमाने के लिए इंजन नहीं होता ये स्वत: चालित होते हैं जिससे इन्हें आटोरोटेट कहा जाता है। जायरोकॉप्टर उड़ान भरने का सबसे सुरक्षित माध्यम बताया जाता है जो किसी भी मौसम में उड़ान भरने में सक्षम है।
जायरोकॉप्टर हेलीकॉप्टर की तरह एकदम से वर्टिकली नहीं उठ सकता एक जगह से और आज के जो जायरोकॉप्टर है उनके पास में यदि 15 से 20 फीट की दूरी भी है तो है आसानी से उठ जाते हैं क्योंकि आज के टाइम में जो जायरोकॉप्टर है उनमें एक हाइड्रोलिक मोटर है जो ऊपर की ब्लेड से उनको पहले रोटेट करवाया जाता है जो इंजन से जुड़ी रहती है और जब जायरोकॉप्टर अटैक ऑफ कर लेता है तो इंजन से इन ब्लेड्स का कोई कनेक्शन नहीं रहता है यह ऑटो रोटेट ही करते हैं|
आज के टाइम में कुछ ऐसे भी जायरोप्लेन है जिनकी अच्छी खासी स्पीड होती है 160 किलोमीटर प्रति घंटा से लेकर 300 किलोमीटर प्रति घंटा तक की | जायरोकॉप्टर लगभग 3000 फीट की ऊंचाई तक उड़ सकते हैं और एक बार में 800 किलोमीटर की दूरी तक जा सकते हैं लेकिन यह बहुत ज्यादा लोगों को कैरी नहीं कर सकते यह सिर्फ एक या दो व्यक्तियों के लिए ही है |
हरिद्वार में पर्यटक जल्द ही जायरोकॉप्टर का आनंद ले सकेंगे। जिलाधिकारी धीरज सिंह गर्ब्याल ने स्वयं बैरागी कैम्प में जायरोकॉप्टर में उड़ान भरकर इसका परीक्षण व शुभारम्भ किया। डीएम के अनुसार उत्तराखंड में पहली बार एयर सफारी शुरु होगी। उन्होंने बताया यह एक प्रकार का छोटा हेलिकॉप्टर है जिसका उपयोग उत्तराखंड के पर्यटन को बढ़ावा देने मेन मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने बताया शीघ्र ही उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद द्वारा जायरोकॉप्टर से हिमालयन सफारी शुरु की जाएगी। उन्होंने कहा कि जायरोकाप्टर के माध्यम से पर्यटक एक स्थान से शुरु होकर पहाड़ों घाटियों के ऊपर उड़ान भरते हुए दूसरे स्थानों पर उतर सकेंगे और वहां से वापस आ सकेंगे।